Hanuman Ji Ki Aarti – Lyrics in Hindi, Meaning & Benefits हनुमान जी की आरती – बोल, अर्थ, महत्व और लाभ
🪔 श्री हनुमान जी की आरती, अर्थ, महत्व और लाभ।
🌺 परिचय
हनुमान जी को शक्ति, बुद्धि और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। उन्हें संकटमोचन कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी दुख और कष्ट हर लेते हैं। हनुमान जी की पूजा से मनुष्य का जीवन भय, रोग, और क्लेश से मुक्त होकर सुख, शांति और समृद्धि से भर जाता है।
हनुमान जी की आरती का पाठ करने से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की आरती गाना अथवा पढ़ना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।
इस लेख में हम हनुमान जी की आरती के पूरे बोल, उसका अर्थ, महत्व और नियमित रूप से आरती करने से मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे।
🔱 श्री हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics)
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरवर कांपे।
रोग-दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
संतन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे।
सियाराम जी के काज संवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
लाए संजीवनि प्राण उबारे॥
पैठि पताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएँ भुजा असुर दल मारे।
दाएँ भुजा संतजन तारे॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें।
जय-जय-जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजनि माई॥
जो हनुमान जी की आरती गावे।
बसि बैकुंठ परमपद पावे॥
✨ हनुमान जी की आरती का अर्थ
हनुमान जी की आरती के प्रत्येक दोहे में उनकी शक्ति और पराक्रम का वर्णन मिलता है।
"दुष्ट दलन रघुनाथ कला की" – इसका अर्थ है कि हनुमान जी भगवान श्रीराम के दूत हैं, जो दुष्टों का नाश करते हैं।
"जाके बल से गिरवर कांपे" – उनकी शक्ति इतनी अपार है कि पहाड़ भी कांपने लगते हैं।
"लंका जारि सिया सुधि लाए" – उन्होंने अकेले ही लंका जलाकर माता सीता की खोज की।
"लाए संजीवनि प्राण उबारे" – हनुमान जी ने लक्ष्मण जी का प्राण बचाया।
"जो हनुमान जी की आरती गावे, बसि बैकुंठ परमपद पावे" – आरती का नियमित पाठ करने वाला भक्त मोक्ष को प्राप्त करता है।
🕉️ हनुमान जी की आरती का महत्व
हनुमान जी की आरती का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहरा है।
1. भक्ति का प्रतीक – आरती से भक्त और भगवान के बीच आत्मिक संबंध मजबूत होता है।
2. शक्ति का स्रोत – आरती गाने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
3. संकटमोचन – हनुमान जी संकटों को दूर करने वाले देवता हैं, उनकी आरती से जीवन की कठिनाइयाँ सरल हो जाती हैं।
4. मानसिक शांति – मन की अशांति, चिंता और भय को दूर करने का सबसे सरल उपाय है।
5. परिवार में सुख-समृद्धि – हनुमान जी की कृपा से घर-परिवार में शांति और सुख बना रहता है।
🕗 हनुमान जी की आरती कब करें?
मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से।
सुबह और शाम के समय दीपक जलाकर।
पूजा के अंत में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पाठ के बाद।
विशेष अवसर जैसे राम नवमी, हनुमान जयंती और दीपावली पर।
🌟 हनुमान जी की आरती करने के लाभ।
1. भय से मुक्ति – कोई भी भय, चाहे भूत-प्रेत का हो या मानसिक, समाप्त हो जाता है।
2. रोगों से रक्षा – स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में राहत मिलती है।
3. साहस और आत्मविश्वास – कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति मिलती है।
4. कार्य सिद्धि – अधूरे कार्य पूर्ण होते हैं।
5. आध्यात्मिक उन्नति – मनुष्य के जीवन में भक्ति और शांति का संचार होता है।
6. परिवारिक सुख-शांति – परिवार के झगड़े और क्लेश दूर होते हैं।
🙏 हनुमान जी की पूजा के विशेष उपाय।
लाल रंग का सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएँ।
हनुमान जी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाएँ।
“ॐ हनुमते नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
हर मंगलवार मंदिर जाकर हनुमान जी की आरती जरूर करें।
📖 निष्कर्ष
हनुमान जी की आरती न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भक्त के जीवन में आत्मविश्वास, साहस और शांति भी लाती है। जो भी व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ हनुमान जी की आरती करता है, उसके जीवन से सभी संकट दूर हो जाते हैं और वह भगवान की विशेष कृपा प्राप्त करता है।
इसलिए, यदि आप भी अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, साहस और शांति चाहते हैं, तो प्रतिदिन या कम से कम मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की आरती अवश्य करें।
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