आग गर्म क्यूं होती है?
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Date - 15 Jul 2020
क्या आपने कभी सोचा, कि आग गरम क्यूं होती है?
प्रिय पाठको, मै इसका जवाब कई तरह से देकर आपको समझाने प्रयास करूंगा, वास्तविक में यह कक्षा दस का प्रश्न है। तो चलिए शुरू करते है-
1. आग जलने के लिए ईंधन, ऑक्सीजन तथा ज्वलन ताप (वह ताप जिस पर कोई पदार्थ आग पकड़ ले) की उपस्थिति जरूरी है। जब ईंधन से ऑक्सीजन संयोग करता है, तो ईंधन में उपस्थित कुछ रासायनिक बंधन टूटते है साथ ही साथ कुछ बनते भी है, इस दौरान भारी मात्रा में ऊर्जा की उत्पति ऊष्मा के रूप में होती है, जिससे हमें आग गर्म मेहसूस होती है।
2. जब हम आग जलाते है तो ईंधन का ऑक्सीजन के साथ संयोग होता है, और प्रतिफल के रूप में जल एवम कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होता है। इसी दौरान ऊष्मा की एक बेहतरीन मात्रा कि उत्पति होती है, यहीं गरमी का कारण बनती है।
3. सूर्य से ऊष्मा का संचरण अवरक्त प्रकाश करती है, यह ऊष्मा का विभाजन पदार्थ के आकर के अनुसार बराबर - बराबर कर देती है, यह ऊष्मा उस जैव पदार्थ में संचित हो जाती है, ये प्रक्रिया कई सालो तक चलती रहती है। जब हम उस पदार्थ को जलाते है तो वहीं ऊष्मा ऑक्सीजन के संयोग के अत्यधिक मात्रा में मुक्त होती है, जिस से हमें गरमी की अनुभूति होती है।
ऊपर में मैंने जो भी बताए, आपको सब जगह उपलब्ध मिल जाएंगे, लेकिन ये मेरे सवाल का सही जवाब नहीं दे पाते, मेरे अनुसार ये कुछ हद तक अधूरा है, ऊपर के सारे तथ्य ये बताते है कि ऊष्मा की उत्पति की वजह क्या है? हमें गरमी क्यूं लगती है ये नहीं बताते। दोस्तों इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें महान वैज्ञानिक प्राउस्ट के ऊष्मा विनिमय सिद्धांत को जानना होगा, जिसे सैद्धांतिक तथा प्रायोगिक रूप से मान्यता दी गई है, तो चलिए शुरू करते है।
प्राऊंस्ट का ऊष्मा विनिमय सिद्धांत
इसके अनुसार वातावरण में ऊष्मा का आदान - प्रदान निरंतर चलता रहता है, ऊष्मा का उत्सर्जन अथवा अवशोषण पदार्थ के ताप पर निर्भर करता है, जिस पदार्थ का ताप ज्यादा होता है, वो ज्यादा ऊष्मा का उत्सर्जन करते है और जिस पदार्थ का ताप कम होता है, वह काम उत्सर्जन करते है, बल्कि अवशोषण ज्यादा करते है। वातावरण में अदान - प्रदान तब तक चलता रहता है, जब तक कि तापीय साम्य कि स्थिति ना आ जाए, ऊष्मा का स्थानांतरण हमेशा उच्च ताप से निम्न ताप की ओर होता है, और ये तब तक चलता रहता है, जब तक कि दोनों पिंडो का ताप एक समान नहीं हो जाता।
व्याख्या
आग जलाने पर ऊष्मा की उत्पति कैसे होती है ये तो मैंने आपको ऊपर समझा दिया है, अब आगे की बात करते है, जब हम आग के पास खड़े रहते है तो हमारे शरीर से आग के बीच, दोनो तरफ ऊष्मा का अदान - प्रदान होना शुरू हो जाता है, चुकी हमारे शरीर का ताप आग की अपेक्षा कम होता है इसलिए ऊष्मा का स्थानांतरण आग से हमारे शरीर होने लगता है, फलस्वरूप हमें गरमी की अनुभूति होने लगती है।
विपरीत, अगर हम बर्फ को छूते है, तो हमे ज्यादा ठंड कि अनुभूति होती है, क्युकी बर्फ का ताप हमारे शरीर के ताप से कम होता है, जब हम उसे छूते है, तो ऊष्मा का स्थानांतरण हमारे शरीर से बर्फ में होने लगता है, जिस से हमारे शरीर का ताप कम होने लगता है तथा हमें बर्फ कि ठंडक की अनुभूति होती है।
प्रिय पाठको, मुझे पूरा विश्वास है, कि मैंने आपको अच्छे से समझाया है। अपनी प्रतिक्रिया हमें कॉमेंट बॉक्स में दे तथा लेटेस्ट अपडेट के लिए सब्सक्राइब करे। धन्यवाद।
Thank you for sharing such valuable details...I loved it.
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